यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध जारी है, रूस का तांडव यूक्रेन में रुकने का नाम नहीं ले रहा है. पश्चिमी देशों की ताकत की परवाह किए बिना रूस लगातार यूक्रेन को तबाह किए जा रहा है. मीडिया में बताया जा रहा है कि रूस के हमले से यूक्रेन थर्रा गया है. लेकिन दिखाई यही दे रहा है कि यूक्रेन रूस का डटकर मुकाबला कर रहा है, मुंहतोड़ जवाब दे रहा है. लेकिन कब तक ऐसा होगा कुछ कहा नहीं जा सकता.
रूस और यूक्रेन की जंग कब रुकेगी इसका अंदाजा अभी लगाना मुश्किल है. रूस यूक्रेन को तबाह करने के मूड में है. रूस पूरे यूक्रेन पर कब्जे की प्लानिंग लेकर चल रहा है, रूस के हमलों से यही लग रहा है. इसे देखते हुए नास्त्रेदमस (Nostradamus) की भविष्यवाणी पर लोगों की निगाहें जाकर टिक गई हैं. जो इन पर भरोसा करते हैं वह खूब इसका जिक्र कर रहा है.
दुनिया के महानतम भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने 500 साल पहले ही साल 2022 के लिए बड़ी भविष्यवाणी कर दी थी. नास्त्रेदमस द्वारा की गई भविष्यवाणी कभी गलत साबित नहीं होती है ऐसा माना जाता है. नास्त्रेदमस की हिटलर के शासन, द्वितीय विश्व युद्ध, 9/11 आतंकी हमला और फ्रांस क्रांति को लेकर की गई सटीक भविष्यवाणी सच साबित हुई.
नास्त्रेदमस का जन्म जर्मनी में 14 दिसंबर 1503 और मृत्यु 2 जुलाई 1566 में हुई थी. नास्त्रेदमस ने रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर भी भविष्यवाणी की थी. उन्होंने अपनी किताब में इसका जिक्र किया था. उन्होंने लिखा था कि यूरोप का एक देश पूरी दुनिया को अपनी शक्ति से प्रभावित करने की कोशिश करेगा और उसके लिए वह अपनी सीमा से सटे दूसरे छोटे देशों से युद्ध करेगा.
उन्होंने लिखा था कि, इस युद्ध में हजारों लोग मारे जाएंगे और बहुत लोग अपने घर छोड़कर दूसरे देशों में शरण लेंगे. नास्त्रेदमस ने आगे लिखा है कि, बड़े देश का शासक अपनी हार होती देश परमाणु बम का इस्तेमाल करने के बारे में भी विचार करेगा. लेकिन लाखों लोगों की मृत्यु और तीसरे विश्वयुद्ध की आशंका के भय से वह जमीनी स्तर पर लड़ाई जारी रखने का निर्णय करेगा और फिर उस देश पर जीत हासिल कर लेगा.
इंदिरा गांधी को लेकर भी की थी भविष्यवाणी
नास्त्रेदमस की भारत कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर की गई भविष्यवाणी का जिक्र भी आजकल खूब हो रहा है. नास्त्रेदमस ने लिखा था कि निष्कासित स्त्री फिर सत्तारूढ़ होगी. उन्होंने आगे लिखा था कि उस स्त्री के बैरी उसके खिलाफ भयंकर षड्यंत्र रचाएंगे. 3 साल के यादगार समय के बाद 70 वर्ष की आयु के आसपास उसकी मृत्यु होगी.
आपको बता दें कि सन 1977 के आम चुनाव में इंदिरा गांधी को हार का सामना करना पड़ा था और जनता पार्टी की सरकार बनी थी. इंदिरा गांधी 1970 में जोरदार वापसी करते हुए फिर प्रधानमंत्री बनी. इंदिरा गांधी की जब उनके सुरक्षाकर्मियों द्वारा हत्या की गई तब उनकी उम्र 67 साल थी.
हालांकि यह भविष्यवाणियां नास्त्रेदमस द्वारा की गई भविष्यवाणियों से कितनी मेल खाती हैं या कितनी सच है. इसकी पुष्टि हम नहीं करते. यह सिर्फ गूगल पर आधारित जानकारी एकत्रित की गई है.