पौराणिक कथाओं में कैलाश पर्वत (Kailash Mountain) को भगवान शिव का निवास स्थल माना गया है. यह रहस्यमई पर्वत अपने आप में कई कथाओं को समेटे हुए हैं. शिव पुराण, स्कंद पुराण आदमी में कैलाश खंड नाम से अलग ही अध्ययन है, जिसमें कैलाश पर्वत की महिमा के बारे में बताया गया है.
पौराणिक मान्यताएं कहती हैं कि कैलाश पर्वत के पास प्राचीन धनकुबेर नगरी भी है. हालांकि इसके निश्चित स्थान के बारे में अभी कुछ पता नहीं लगाया जा सका है. आज यहां पर हम आपको कैलाश पर्वत के बारे में कुछ रहस्यमई बातें बताएंगे, जिनके बारे में आपने पहले नहीं सुना होगा.
मान्यता है कि कैलाश पर्वत पर केवल पुण्य आत्माएं ही निवास करती हैं. कैलाश पर्वत और उसके आसपास के वातावरण पर अध्ययन कर चुके वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां चारों ओर एक प्रकार की अलौकिक शक्ति का प्रवाह है, जिसमें आज भी कई तपस्वी गुरु अपनी साधना करते हैं और ईश्वर से संबंध स्थापित करते हैं.
यदि आप कैलाश मानसरोवर झील के क्षेत्र में जाएंगे तो निरंतर आपको एक प्रकार की ध्वनि सुनाई देगी. ध्यान से सुनने पर यहां आपके कानों में डमरु औ ओम की ध्वनि सुनाई देगी. इस ध्वनि का स्रोत आज तक कोई नहीं जान पाया है. वैज्ञानिकों के शोध के आधार पर यह भी कहा जाता है कि यहां पर हवाएं जब पहाड़ से टकराती है और बर्फ पिघलती है तो यह ध्वनि उत्पन्न होती है.
कैलाश पर्वत की चोटी पर आज तक कोई नहीं चढ पाया है. परंतु 11 वीं सदी में एक तिब्बती बौद्ध योगी मिला रेपा ने इस पर चढ़ाई की थी. दावा किया जाता है कि कई बार कैलाश पर्वत पर 7 तरह की लाइटें आसमान में चमकती हुई देखी गई हैं. नासा के वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि हो सकता है ऐसा यहां के चुंबकीय बल के कारण होता हो.
कैलाश पर्वत दुनिया का सबसे अद्भुत पर्वत माना जाता है. माना जाता है कि जो कैलाश आकर शिव के दर्शन करता है उसके लिए मोक्ष का रास्ता खुल जाता है. कैलाश पर्वत की ऊंचाई 6600 मीटर से अधिक है, जो दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट से लगभग 2200 मीटर कम है. माउंट एवरेस्ट पर अब तक 7000 से अधिक लोग चढ़ाई कर चुके हैं, लेकिन कैलाश पर्वत अब तक अजेय है.
कई पर्वतारोहियों का दावा है कि कैलाश पर्वत पर चढ़ना असंभव है. रूस के एक पर्वतारोही ने बताया था कि जब मैं पर्वत के बिल्कुल पास पहुंच गया तो मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा. मैं उस पर्वत के बिल्कुल सामने था, जिस पर आज तक कोई नहीं चढ़ सका. अचानक मुझे बहुत कमजोरी महसूस होने लगी और मन में यह ख्याल आने लगा कि मुझे यहां और नहीं रुकना चाहिए. उसके बाद जैसे-जैसे हम नीचे आते गए मन हल्का होता गया.
कैलाश पर्वत को धरती का केंद्र माना जाता है. दरअसल रूस के वैज्ञानिकों की स्टडी के मुताबिक कैलाश पर्वत मानव निर्मित पिरामिड हो सकता है, जिसका निर्माण किसी दैवीय शक्ति वाले व्यक्ति ने किया होगा. हिंदू धर्म के अलावा कई दूसरे धर्मों में भी कैलाश पर्वत का खास महत्व बताया गया है. माना जाता है कि कैलाश पर्वत एक तरफ स्फटिक, दूसरी तरफ माणिक, तीसरी तरफ सोना और चौथी तरफ नीलम से बना हुआ है.