अडानी ग्रुप (Adani Group) की तरफ से रविवार को एक बयान जारी किया गया है. ग्रुप ने Hindenburg के आरोपों पर 413 पन्नों का जवाब भी जारी किया है. ग्रुप ने Hindenburg के आरोपों को भारत पर हमला बताया है. अडानी ग्रुप ने कहा है कि वह 24 जनवरी को Hindenburg रिसर्च की रिपोर्ट को पढ़कर हैरान और काफी परेशान हैं. ग्रुप ने कहा है कि यह रिपोर्ट झूठ के अलावा और कुछ नहीं है.
अडानी ग्रुप (Adani Group of company) ने कहा है कि Hindenburg के दस्तावेज चुनिंदा मिस इंफॉर्मेशन का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन है. इसमें एक खास उद्देश्य के लिए ग्रुप को बदनाम करने के लिए निराधार आरोप लगाए गए हैं. बड़ी संख्या में निवेशकों को नुकसान पहुंचाते हुए शार्ट सेलिंग के जरिए मोटा मुनाफा कमाने के लिए Hindenburg सिक्योरिटीज में एक झूठा बाजार बनाने की कोशिश की है.
अडानी ग्रुप ने कहा है कि यह बहुत चिंता की बात है कि बिना किसी विश्वसनीयता या एथिक्स के हजारों मील दूर बैठी एक संस्था के बयानों ने हमारे निवेशकों पर गंभीर रूप से बुरा प्रभाव डाला है. इस रिपोर्ट की दुर्भावनापूर्ण मनसा इसके टाइम से भी साफ है. यह रिपोर्ट तब आई जब अडानी एंटरप्राइजेज इक्विटी शेयरों का देश का सबसे बड़ा एफपीओ ला रहा था.
Adani Group ने कहा यह भारत पर हमला है
अडानी ग्रुप (Adani Group Reply) ने कहा है कि यह केवल किसी खास कंपनी पर एक अवांछित हमला नहीं है, बल्कि भारत और भारतीय संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता, गुणवत्ता के साथ ही भारत की ग्रोथ स्टोरी और देश की महत्वकांक्षी पर एक सुनियोजित हमला है. अडानी ग्रुप की तरफ से कहा गया है कि झूठी कहानी गढ़ने के लिए पहले से ही पब्लिक डोमेन में मौजूद मामलों की सेलेक्टिव और मैनिपुलेटिव प्रेजेंटेशन है Hindenburg की रिपोर्ट.
क्या थे आरोप अडानी ग्रुप पर?
अमेरिकी फॉरेंसिक फाइनेंसियल कंपनी Hindenburg ने अडानी समूह को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं. अपनी रिपोर्ट में अमेरिकी फर्म ने अडानी पर “कारपोरेट दुनिया की सबसे बड़ी धोखाधड़ी” का आरोप लगाया है. अडानी ग्रुप की कंपनी ने शेयरों की कीमतों को मैनिपुलेट किया है और अकाउंटिंग फ्रॉड किया है, ऐसे आरोप लगाए गए हैं.
इसके अलावा Hindenburg की तरफ से कहा गया है कि अडानी ग्रुप ने विदेशों में कई कंपनियां बनाकर टैक्स बचाने का काम किया है. मॉरीशस और कैरेबियाई द्वीपों जैसे टैक्स हैवन देशों में कई बेनामी कंपनियां हैं जिनकी अदानी ग्रुप की कंपनियों में हिस्सेदारी है.
Hindenburg की रिपोर्ट में कहा गया है कि, अडानी की लिस्टेड कंपनियों पर भारी कर्ज है, जिसने पूरे ग्रुप को एक अस्थिर वित्तीय स्थिति में डाल दिया है. ऊंचे मूल्यांकन की वजह से कंपनी के शेयरों की कीमत 85 फ़ीसदी तक ज्यादा बताई जा रही है. आपको बता दें कि इस रिपोर्ट का असर इतना ज्यादा पड़ा है कि सिर्फ दो-तीन दिन में ही अदानी ग्रुप को भारी नुकसान उठाना पड़ गया है.