17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद सहित तीन को एमपी एमएलए कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को बरी कर दिया गया है. इस केस में 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है. अतीक गैंग के खिलाफ पुलिस रिकॉर्ड में 101 मुकदमे दर्ज है. पहली बार किसी मामले में गैंगस्टर को दोषी ठहराया गया और सजा सुनाई गई है.
जब कोर्ट में अतीक को ले जाया गया परिसर में वकीलों ने फांसी दो के नारे लगाए. इससे पहले नैनी सेंट्रल जेल से अतीक को बंद वन में कोर्ट लाया गया था. इसमें सीसीटीवी कैमरे और पर्दे लगे थे. कोर्ट तक 10 किलोमीटर की दूरी 28 मिनट में तय हुई. अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया था. अतीक को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था.
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की हिरासत के दौरान अतीक की सुरक्षा की मांग वाली याचिका को भी खारिज कर दिया. एक रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस अजय रस्तोगी और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने अतीक की सुरक्षा के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने की स्वतंत्रता प्रदान की.
अतीक अहमद पर अक्टूबर 2022 में राजू पाल की हत्या का आरोप तय हुआ था. उसके बाद गवाहों के बयान होने थे. इसमें उमेश पाल की गवाही सबसे अहम थी. उमेश पाल इन दिनों बीजेपी में था. बहरहाल यूपी पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां लंबे समय से जेल में बंद बाहुबली नेता अतीक अहमद पर कार्रवाई कर रही हैं. पिछले दिनों यूपी सरकार ने अतीक की 123 संपत्तियों को कुर्क करने का दावा किया था.