उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) को लेकर कई तरह की बातें होती रहती हैं. उनको लेकर कहा जाता है कि वह प्रधानमंत्री मोदी की करीबी है इस कारण बिजनेस में उनको सरकार से काफी लाभ मिलता है. हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू दिया है जिसमें तमाम सवालों के जवाब दिए है. इंटरव्यू के दौरान गौतम अडानी ने कहा कि कई लोगों को जानकर आश्चर्य होगा कि मेरा सफर में जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब शुरू हुआ.
गौतम अडानी ने कहा कि मेरा सफर उस वक्त शुरू हुआ जब राजीव गांधी ने एक्जिम पॉलिसी को बढ़ावा दिया और पहली बार कई चीजें ओजियल लिस्ट में आईं. इससे मेरा एक्सपोर्ट हाउस शुरू हुआ. अगर वह ना होते तो मेरी शुरुआत ऐसी नहीं होती. इसके अलावा उन्होंने कहा कि दूसरा मौका 1991 में आया जब नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधार शुरू किए.
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व से गौतम अडानी कितने खुश हैं? इसका जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को एक प्रगतिशील नेतृत्व दिया है. उनकी नीतियों ने हर भारतीय की जिंदगी में बदलाव किया है. उनकी कोशिश से भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ सामाजिक विकास भी हुआ है. उनकी नीतियों से देश में औद्योगिक और आर्थिक विकास हुआ है. आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया ने व्यापार और उत्पादन के नए मौके बनाए और लाखों लोगों को रोजगार दिया.
गौतम अडानी पर कर्ज बहुत अधिक है, इसको लेकर भी कुछ लोग सवाल उठाते हैं. इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि लोग पुष्टि किए बिना चिंता जताते हैं. सही बात यह है कि 9 साल पहले हमारे कर्ज में से 86% भारतीय बैंकों से था जो अब घटकर 32% रह गया है. हमारे कर्ज का करीब 50% अब अंतरराष्ट्रीय बांड से है. आप समझ सकते हैं कि अंतरराष्ट्रीय निवेशक पूरी जांच पड़ताल के बाद ही निवेश करता है.
आपको बता दें कि गौतम अडानी और प्रधानमंत्री मोदी की नजदीकियों पर सबसे अधिक कोई हमला करता है तो वह राहुल गांधी हैं. राहुल गांधी हमेशा आरोप लगाते रहे हैं कि इस सरकार में सिर्फ 2-3 उद्योगपतियों को ही फायदा पहुंचाया जा रहा है, बाकी की अनदेखी की जा रही है. हालांकि गौतम अडानी की संपत्तियों में जिस तरह से इजाफा हुआ है उसे राहुल गांधी के आरोप सही भी लगते हैं. राहुल के आरोपों पर यह सरकार कई बार विचलित भी हुई है.
ठीक इसी तरह राहुल गांधी मीडिया पर भी आरोप लगाते रहे हैं कि वह सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी को दिखाता है. देश की जनता की समस्याओं को दिखाने के लिए मीडिया के पास समय नहीं है. मीडिया सिर्फ हिंदू मुसलमान करता है. मीडिया निष्पक्ष नहीं है. इसको लेकर भी गौतम अडानी ने एनडीटीवी अधिग्रहण से संबंधित सवाल के जवाब में कहा कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि एनडीटीवी विश्वसनीय, स्वतंत्र और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क रहेगा. मैनेजमेंट और संपादकीय में हमेशा एक लक्ष्मणरेखा रहेगी.