केंद्र की मोदी सरकार ने पीएम मोदी को लेकर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” (India: The Modi Question) को शेयर करने वाले ट्विट्स को ब्लॉक करने का आदेश दे दिया है. डॉक्यूमेंट्री की जांच में पाया गया है कि यह छवि बिगाड़ने की कोशिश है. डॉक्यूमेंट्री के युटुब के लिंक जिन ट्वीट के जरिए शेयर किए गए हैं उनको भी ब्लॉक कर दिया गया है. सूचना प्रसारण मंत्रालय की ओर से यह निर्देश जारी किए गए हैं.
बताया जा रहा है कि यूट्यूब ने भी वीडियो को फिर से अपने प्लेटफार्म पर अपलोड करने पर ब्लॉक करने का निर्देश दिया है. ट्विटर ने भी अन्य प्लेटफार्म पर वीडियो की लिंक वाले ट्विट्स की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने का निर्देश दिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने आदेश दिया है कि बीबीसी डॉक्युमेंट्री के पहले एपिसोड के यूट्यूब पर शेयर किए गए सभी वीडियो को ब्लॉक किया जाए. ट्विटर को भी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के यूट्यूब वीडियो की लिंक वाले 50 से अधिक ट्विट्स ब्लॉक करने का आदेश दिया गया है.
आपको बता दें कि यह डॉक्यूमेंट्री ब्रिटेन के पब्लिक ब्रॉडकास्टर ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की ओर से बनाई गई है. भारत सरकार ने इसे प्रधानमंत्री मोदी और देश के खिलाफ प्रोपेगेंडा बताया है. पीएम मोदी पर बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री की आलोचना करते हुए भारत के 300 से ज्यादा लोगों ने चिट्ठी लिखी है. इनमें रिटायर्ड जज, रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट और रिटायर्ड सैन्य अधिकारी शामिल हैं.
बीबीसी ने 17 जनवरी को “द मोदी क्वेश्चन” डॉक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड यूट्यूब पर रिलीज किया था. दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को रिलीज होना था, इससे पहले ही केंद्र सरकार ने पहले एपिसोड को यूट्यूब से हटा दिया है.
पहले एपिसोड के डिस्क्रिप्शन में लिखा था कि यह डॉक्यूमेंट्री भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बीच तनाव पर नजर डालती है. गुजरात में 2002 में हुए दं’गों में नरेंद्र मोदी की भूमिका के दावों की जांच करती है.