हेट स्पीच की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक बार फिर से चिंता जाहिर की है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि धर्म को राजनीति से मिलाना हेट स्पीच का स्रोत है. राजनेता सत्ता के लिए धर्म के इस्तेमाल को चिंता का विषय बनाते हैं. इस असहिष्णुता, बौद्धिक कमी से हम दुनिया में नंबर एक नहीं बन सकते. अगर आप सुपर पावर बनना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको कानून के शासन की जरूरत है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गो टू पाकिस्तान जैसे बयानों से नियमित रूप से गरिमा को तोड़ा जाता है. अब हम कहां पहुंच गए हैं? कभी हमारे पास नेहरू, वाजपेई जैसे वक्ता हुआ करते थे. अब लोगों की भीड़ फालतू तत्वों को सुनने के लिए आती है.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि लोग समाज के सदस्यों को अपमानित ना करने का संकल्प क्यों नहीं ले सकते? राज्य नपुंसक, शक्तिहीन हो गए हैं और समय पर कार्य नहीं करते. अगर यह चुप हैं तो इन्हें एक राज्य क्यों होना चाहिए? हेट स्पीच से निजात पाने के लिए धर्म को राजनीति से अलग करना होगा. आपसी भाईचारे में दरारें आ गई हैं.
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हेट स्पीच मामलों में राज्य की निष्क्रियता पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. जस्टिस जोसेफ ने कहा कि राज्य नपुंसक और शक्तिहीन हो गए हैं. वह समय पर कार्य नहीं करते. राज्य क्यों हैं और वह चुप क्यों हैं. हर एक क्रिया पर विपरीत प्रतिक्रिया होती है.
आपको बता दें कि बीजेपी सरकार पर धर्म के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगता रहा है. हालांकि बीजेपी सरकार और इसके बड़े नेता कहते रहे हैं कि वह विकास के नाम पर राजनीति करते हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों में जिस तरह की घटनाएं और बीजेपी नेताओं के बयान सामने आए हैं, उसको देखते हुए यह सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी काफी तल्ख मालूम पड़ती है और बीजेपी के नेताओं के लिए एक संदेश भी है.