अल कायदा के नेता अयमान अल जवाहिरी (Al Zawahiri) को अमेरिका ने रविवार को ड्रोन स्ट्राइक से मार गिराया. 2001 में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद दुनिया के सबसे बड़े आतंकी संगठनों में से एक अलकायदा सरगना को अमेरिका ने काबुल में एक ड्रोन हमले में ढेर कर दिया है ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद जवाहिरी ने अलकायदा को अपने नियंत्रण में ले लिया था.
जवाहिरी पर अमेरिका ने 25 मिलियन डॉलर का इनाम रखा हुआ था. अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने जवाहिरी के मारे जाने की पुष्टि की है. उन्होंने एक संबोधन में कहा है कि अब इंसाफ मिला है और आतंकवादियों का सरगना मारा जा चुका है. उन्होंने कहा है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कितना वक्त लगता है. चाहे कहीं भी छुप जाओ, अगर हमारे लोगों के लिए खतरा हो तो अमेरिका उन्हें ढूंढ निकालेगा. उन्होंने कहा कि जवाहिरी केन्या और तंजानिया में यूएसएस कोल और अमेरिकी दूतावासों पर हमलों के पीछे मास्टरमाइंड था या फिर उसने इन हमलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
बालकनी में खड़ा था अल जवाहिरी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कहा है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने कई खुफिया इनपुट के जरिए इस बात की पुष्टि की है कि मारा गया शख्स अलकायदा चीफ जवाहिरी था. वह काबुल में एक सेफहाउस की बालकनी में था, जब उसे निशाना बनाया. आपको बता दें कि अल जवाहिरी को इससे पहले ओसामा बिन लादेन का दाहिना हाथ माना जाता था और कुछ विशेषज्ञों का मानना था कि अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए हमलों के पीछे मास्टरमाइंड था.
कौन था अयमान अल जवाहिरी?
11 सितंबर 2001 के हमलों को अपनी आंखों से देखने वाले अमेरिकियों को अल जवाहिरी का नाम शायद याद ना हो, लेकिन लोग 2 दशक से अधिक समय से उसके चेहरे को पहचानते हैं. बड़ी दाढ़ी, गोरा और लाल चेहरा और चश्मे में हल्की मुस्कान लिए एक शख्स अक्सर ओसामा बिन लादेन के साथ देखा गया. अल जवाहिरी का जन्म 19 जून 1951 को मिस्र के काहिरा में हुआ था. वह एक संपन्न परिवार में जन्मा था. लेकिन जब बड़ा हुआ तो उसने खुद को सुन्नी इस्लामी पुनरुत्थान की एक हिंसक शाखा से जोड़ लिया. अल जवाहिरी ने पढ़ाई पूरी की और बड़ा होकर एक आंखों का सर्जन बना.
सर्जन होने के नाते उसने middle-east और मिडिल एशिया का दौरा किया. इस दौरान उसने अफगानों के युद्ध को देखा और युवा ओसामा बिन लादेन और अन्य अरब आतंकवादियों के संपर्क में आया. अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक उसके दादा अल अजहर यूनिवर्सिटी में इमाम थे, जबकि उसके परदादा अब्देल रहमान अरब लीग के पहले सचिव थे. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 1981 में राष्ट्रपति अनवर सादात की इस्लामिक कट्टरपंथियों की हत्या के बाद अल जवाहिरी को भी जेल में डाल दिया गया.
इसी दौर की प्रताड़ना ने उसे और अधिक कट्टरपंथी बना दिया. इसी घटना के 7 साल बाद जब ओसामा बिन लादेन ने अलकायदा की स्थापना की तब अल जवाहिरी भी मौजूद था. इसी स्थापना के साथ अल जवाहिरी ने अल कायदा के साथ अपने मिस्र के आतंकवादी समूह का विलय कर दिया. एक रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान से सोवियत वापसी के बाद के सालों में अल जवाहिरी बुलगारी आ डेनमार्क और स्विजरलैंड में रहता था. अलकायदा में ओसामा बिन लादेन के बाद नंबर दो की हैसियत रखने वाले अल जवाहिरी ने 9/11 अटैक के लिए आत्मघाती हमलावरों, टेरर फंडिंग के साथ पूरा ब्लूप्रिंट तैयार किया था.