पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों (Manavjit Singh Dhillon) ने आरएसएस की तुलना टेलर मॉड्यूल से कर दी है. जिसके बाद भड़की बीजेपी ने उन्हें पद से हटाने की मांग की है. दूसरी तरफ आरजेडी और HAM ने एसएसपी के बयान का समर्थन भी कर दिया है. अब एडीजी पुलिस मुख्यालय ने पटना एसएसपी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है.
पटना पुलिस ने बुधवार 14 जुलाई को फुलवारी शरीफ थाना क्षेत्र से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की आड़ में आतंकी ट्रेनिंग देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया. हालांकि अब पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने इस आतंकी मॉड्यूल की तुलना आरएसएस से करके एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. उनके इस बयान से जहां एक तरफ बीजेपी भड़क गई है और उन्हें पद से हटाने की मांग कर रही है, वहीं बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी उनके समर्थन में आ गई है.
एसएसपी मानवजीत सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि जिस तरह आरएसएस की शाखा में स्वयंसेवकों को शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता है उसी तरह पकड़े गए लोगों को भी मस्जिदों में प्रशिक्षण दिया जा रहा था. आरोपी कट्टर बनाने के लिए कार्यशील थे. जैसे आरएसएस शाखा लगाकर लाठी की ट्रेनिंग देती है, उसी तरह यह शारीरिक ट्रेनिंग दे रहे थे. इसी के साथ वह युवाओं को अपने एजेंडे के मुताबिक ब्रेनवाश कर रहे थे.
मानवजीत सिंह के बयान के बाद बीजेपी के फायर ब्रांड नेता हरीश भूषण ठाकुर ने पीएफआई की RSS से तुलना करने पर पटना एसएसपी को मानसिक रूप से दिवालिया बता दिया है. उन्होंने कहा है कि एसएसपी ने राष्ट्रवादी संगठन की तुलना एक आतंकवादी संगठन से की है. माफी मांगे नहीं तो सरकार बिना विलंब किए उनके खिलाफ एक्शन ले या हम मानहानि का केस करेंगे.
दूसरी तरफ हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा एसएसपी के पक्ष में उतरा है तथा आरजेडी भी एसएसपी के पक्ष में है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के पार्टी प्रवक्ता डॉ. दानिश रिजवान ने कहा है कि अगर इस्लामिक स्टेट की बात करना अपराध है तो फिर हिंदू राष्ट्र की वकालत करना कहां से ठीक है? यदि इस्लामिक राष्ट्र की कल्पना करने वालों को जेल तो फिर हिंदू राष्ट्र की बात करने वालों को छूट क्यों?
दूसरी तरफ एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने पटना के एसएसपी से पूछा है कि आखिर उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया है? इसको लेकर 48 घंटे के अंदर जवाब देने के लिए भी कहा गया है.