राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के घरेलू मैदान पर बीजेपी ओबीसी सम्मेलन (OBC Conference) का आयोजन कर रही है. इस सिलसिले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गढ़ जोधपुर में बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की अहम बैठक के अपने मायने हैं. अशोक गहलोत ओबीसी समुदाय से ही आते हैं, जिनकी पश्चिमी राजस्थान के अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों में अच्छी खासी संख्या मौजूद है.
गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) जैसलमेर पहुंच सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और जोधपुर पहुंचने से पहले शनिवार को तनोट माता के दर्शन करेंगे. ओबीसी मोर्चा को संबोधित करने के बाद गृह मंत्री अमित शाह भी जोधपुर के दशहरा मैदान में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. इसका उद्देश्य चुनावों से पहले पश्चिमी राजस्थान में पार्टी की ताकत का आकलन करना है और पश्चिमी जिलों में एक प्रमुख वोट बैंक तक पहुंचना है.
2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं राजस्थान के अंदर. ऐसे में बीजेपी एक बार फिर से राजस्थान की सत्ता में कांग्रेस को हटाकर वापसी करना चाहती है. इसके लिए बीजेपी अलग-अलग रणनीतियों के तहत चुनाव मैदान में उतरना चाहती है. लेकिन बीजेपी के अंदर भी कई मुद्दों को लेकर नेताओं के बीच आपसी मनमुटाव है. वसुंधरा राजे सिंधिया जहां एक बार फिर से मुख्यमंत्री का चेहरा बनाना चाहती हैं वही राजस्थान के दूसरे नेता भी हैं जो चाहते हैं कि वसुंधरा राजे को दरकिनार किया जाए.
राजस्थान के अंदर बीजेपी की अपनी खुद की परेशानियां बहुत है, बीजेपी उन्हीं से जूझ रही है. ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व एक बार फिर से राजस्थान में सक्रिय होता हुआ दिखाई दे रहा है. राजस्थान की कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए तमाम मुद्दों को टटोला जा रहा है और जातीय गणित भी बिठाने की कोशिश बीजेपी के नेतृत्व द्वारा हो रही है. राजस्थान के मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग से आते हैं और अमित शाह ने उन्हीं के गढ़ में ओबीसी सम्मेलन करा कर कहीं ना कहीं उन्हें झटका देने की कोशिश की है. अब इसका लाभ कितना मिलेगा यह चुनाव के वक्त पता चलेगा.