कांग्रेस इस वक्त राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत जोड़ो यात्रा कर रही है. इस बीच एक बार फिर से कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए कोशिशें तेज हो गई हैं. कई नाम इस रेस में बताए जा रहे हैं. अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का भी नाम इसमें शामिल है या यूं कहें कि अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार हैं.
हालांकि वह खुद यह पद स्वीकार करना नहीं चाहते हैं. लेकिन गांधी परिवार चाहता है कि वह इस पद को स्वीकार करें. खबरें तो यह भी आई थी कि अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री भी बने रहना चाहते हैं और इसके साथ वह कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद स्वीकार करना चाहते हैं. हालांकि एक व्यक्ति एक पद का नियम इसके आड़े आ रहा है.
अब कांग्रेस की राजस्थान इकाई ने प्रस्ताव पास किया है कि राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाहिए और अशोक गहलोत भी कई बार यह बयान दे चुके हैं. शनिवार को ही प्रदेश कांग्रेस के डेलिगेट्स की एक अहम बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस प्रस्ताव को रखा. राजस्थान पहला प्रदेश है जिसने राहुल गांधी के पक्ष में इस तरह का प्रस्ताव पास किया है. माना जा रहा है कि इसके बाद कुछ अन्य राज्य इकाइयां भी इसी तरह का प्रस्ताव पास कर सकती हैं.
अशोक गहलोत किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ना चाहते हैं. दूसरी तरफ सचिन पायलट गुट इस कोशिश में है कि अशोक गहलोत अगर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता सचिन पायलट के लिए साफ हो जाएगा. लेकिन गहलोत किसी भी कीमत पर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनने देना चाहते हैं ऐसी खबरें हैं. सवाल यह भी है कि आखिर राहुल गांधी जी अध्यक्ष बने ऐसा प्रस्ताव अशोक गहलोत ने क्यों पास करवाया?
राजस्थान के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कांग्रेस डेलिगेट्स की तरफ से जो प्रस्ताव पारित हुआ है उसमें सबसे खास बात यह थी कि सिर्फ 200 डेलिगेट्स उपस्थित रहे, जबकि राजस्थान में कांग्रेस के 400 डेलिगेट्स हैं. माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थक इसमें अनुपस्थित रहे. आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन की तारीख नजदीक आ रही है तो यह सवाल खड़ा हो रहा है कि कांग्रेस का अध्यक्ष कौन होगा?
अगर राहुल गांधी बोल चुके हैं कि वह अध्यक्ष पद स्वीकार नहीं करेंगे तो यह निश्चित है कि वह अपनी बात से पीछे नहीं हटेंगे और गांधी परिवार से कोई भी इस पद को स्वीकार नहीं करने वाला है ऐसे में अशोक गहलोत अगर ऐसा प्रस्ताव राजस्थान इकाई की तरफ से पास करवा रहे हैं तो निश्चित तौर पर यह माना जाना चाहिए कि वह राजस्थान का मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ना चाह रहे हैं. यह आने वाले कुछ दिनों में स्पष्ट हो जाएगा कि कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा. लेकिन इसको लेकर तमाम तरह की खबरें आती रहेंगी जब तक इसको लेकर फैसला नहीं हो जाता.