कांग्रेस अध्यक्ष (congress president election 2022) पद के लिए चुनाव हो रहे हैं. इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रत्याशी और कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने प्रदेश के पार्टी नेताओं के दोहरे व्यवहार को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है. हालांकि उन्होंने खुलकर किसी का नाम नहीं लिया है. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मेरे प्रचार के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष समेत बड़े नेता गायब रहते हैं. वही मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रचार के दौरान यही नेता उनके साथ बैठते हैं.
शशि थरूर ने कहा है कि पार्टी नेता खड़गे की तरफ से लोगों को आमंत्रित करते हैं और उन्हें उपस्थित होने के लिए कहा जाता है. यह सब एक उम्मीदवार के लिए हुआ, लेकिन मेरे लिए कभी नहीं. उन्होंने कहा कि मैंने राज्य कांग्रेस कमेटी का दौरा किया लेकिन वहां राज्य प्रमुख उपलब्ध नहीं थे. मैं शिकायत नहीं कर रहा हूं लेकिन क्या आप को व्यवहार में अंतर नहीं दिखाई दे रहा है? उन्होंने चुनाव से जुड़े जरूरी कागजात देने में भी नेताओं पर भेदभाव का आरोप लगाया है.
शशि थरूर ने कहा है कि उन्हें सोमवार यानी 17 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में मतदान करने वाले कांग्रेस प्रतिनिधियों की एक अधूरी सूची मिली है. उनसे संपर्क करने के लिए कोई फोन नंबर भी नहीं है. मुझे दो सूचियां मिली. पहली सूची में फोन नंबर नहीं था तो कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष की वोटिंग में भाग लेने वाले डेलिगेट्स से कैसे संपर्क कर सकता है. उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि यह जानबूझकर है. 22 साल से चुनाव नहीं हुए थे, इसलिए हो सकता है कि कुछ चूक हुई हो.
अशोक गहलोत ने किया खड़गे का समर्थन
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. मलिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर चुनावी मैदान में हैं. इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खड़गे का समर्थन किया है. उन्होंने एक वीडियो पोस्ट के जरिए अपनी बात रखी. गहलोत ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि, मैं उम्मीद करता हूं जो भी डेलीगेट हैं वो भारी बहुमत से श्री मल्लिकार्जुन खड़गे को कामयाब करेंगे. कामयाब होने के बाद में वो हम सबका मार्गदर्शन करेंगे व कांग्रेस मजबूत होकर प्रतिपक्ष के रूप में उभर कर सामने आएगी. यह मेरी सोच है, मेरी शुभकामनाएं है खड़गे साहब भारी मतों से कामयाब हों.
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव निष्पक्ष होगा ऐसे दावे किए जा रहे हैं. लेकिन शशि थरूर की तरफ से बिना नाम लिए जो गंभीर आरोप लगाए गए हैं और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से जिस तरह से मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन किया गया है उससे थरूर के आरोपों को बल मिलता है और कहीं ना कहीं इससे कांग्रेस की आलोचना करने वालों को एक बार फिर से कांग्रेस पर आरोप लगाने का सवाल उठाने का मौका मिलेगा. हालांकि यह कांग्रेस का अंदरूनी चुनाव है इससे बीजेपी तथा मीडिया को कोई लेना देना नहीं है. लेकिन अंदरूनी चुनाव में भी शशि थरूर के आरोपों में दम दिखाई देता है.