हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को मतदान होगा. हिमाचल प्रदेश का विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने एड़ी चोटी का जोर अभी से लगा दिया है. कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी ने हिमाचल में चुनाव प्रचार की कमान संभाली हुई है. प्रियंका गांधी की कुछ रैलियां भी हो चुकी है. जनता का झुकाव रैलियों में दिखाई दे रहा है. लेकिन क्या यह रैलियों में इकट्ठा हो रही भीड़ वोटों में भी बदलेगी? कांग्रेस के नए अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे भी हिमाचल प्रदेश पहुंच चुके हैं.
हिमाचल प्रदेश की विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए कांग्रेस अपनी तरफ से कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती. कांग्रेस के नए अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने पार्टी के प्रभारी राजीव शुक्ला और प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ बैठक करके चुनाव प्रचार की समीक्षा भी की है. उन्होंने सभी विधानसभा क्षेत्रों की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों को लेकर फीडबैक भी लिया है. इसके अलावा उनकी मुलाकात हिमाचल प्रदेश में ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ भी हुई है और हिमांचल चुनाव की रणनीति पर चर्चा भी हुई है.
पिछले दिनों सचिन पायलट ने एक रैली को संबोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार के इंजन पूरी तरह फेल हो गए हैं. इस इंजन में ना तो तेल बचा है और ना ही विकास करवाने के लिए जोर बचा है. सचिन पायलट ने कहा था कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनना तय है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार ने लोगों को विकास के नाम पर जहां गुमराह किया है वहीं तोहफे के रुप में महंगाई जनता को दी है. ऐसे में इस बार विधानसभा चुनावों में जनता बीजेपी की सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता जरूर दिखाएगी.
हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने अपने तमाम बड़े नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए लगा दिया है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी घर-घर घूमकर कांग्रेस के लिए हिमाचल प्रदेश में वोट मांग रहे हैं. वही राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट भी हिमाचल प्रदेश में लगातार जनसभाओं के जरिए कांग्रेस का प्रचार कर रहे हैं. देखना दिलचस्प होगा कि क्या राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा से समय निकालकर हिमाचल में कांग्रेस के लिए चुनावी रैली संबोधित करते हैं या फिर उनके बिना ही कांग्रेस हिमाचल प्रदेश का विधान सभा चुनाव लड़ेगी?