गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने रविवार को घाटी में अपनी पहली रैली के दौरान कहा कि वह आर्टिकल 370 बहाल करने का वायदा करके लोगों को गुमराह नहीं करेंगे. हालांकि उनकी इस बात से उनके साथ आने का मन बना रहे लोगों को मायूसी हाथ लगी है. ऐसे लोग जो उनके साथ आना चाह रहे थे वह अब सोचने पर मजबूर हो जाएंगे.
दरअसल गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 370 को हटाना अब मुमकिन नहीं है, क्योंकि इसके लिए केंद्र में ऐसी सरकार चाहिए होगी जो पूर्ण बहुमत की हो. लेकिन मोदी की बजाय विपक्ष की सरकार बनी थी तो उन्हें नहीं लगता कि उनके पास संसद में इतने नंबर होंगे जो 370 को फिर से बहाल कर सकें. इसलिए इसे हटाने की बात करना भी बेमानी है. माना जा रहा है कि उनके इस स्टैंड की वजह से ही रविवार की उनकी रैली पूरी तरीके से फ्लॉप हो गई.
गुलाम नबी आजाद की इस रैली में 3000 लोग भी नहीं आए थे. कांग्रेस के उनके समर्थकों ने भी इस रैली से दूरी बनाई. अपने भाषण में आजाद ने उन पीडीपी और नेकां जैसे उन सियासी दलों को जमकर आड़े हाथों लिया जो 370 की फिर से बहाली की बात कर रहे हैं. जो गुलाम नबी आजाद से जुड़ना चाह रहे थे कांग्रेस के नेता वह अब यह देखने लगे हैं कि बीजेपी से जुड़े होने का जो आरोप गुलाम नबी आजाद पर लगा है वह कहां तक सही है.
आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि वह 10 दिन के अंदर ही अपनी नई पार्टी का ऐलान कर देंगे. इस पार्टी की विचारधारा आजाद होगी. केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि उनकी पार्टी का मुख्य एजेंडा जम्मू कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना रहेगा. साथ ही उनकी पार्टी यहां के लोगों को रोजगार और भूमि अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करती रहेगी.
आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है और नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है. इसके साथ ही उन पर कई तरह के आरोप भी लगे थे. कांग्रेस के नेताओं का कहना था कि उन्होंने सरकारी बंगले के लिए बीजेपी से समझौता किया है तथा उनकी पार्टी चुनावों के बाद जम्मू कश्मीर में बीजेपी से गठबंधन कर सकती हैं. धारा 370 को लेकर गुलाम नबी आजाद ने जो बयान दिया है उससे कहीं ना कहीं जम्मू-कश्मीर की जनता को मायूसी हुई है. अब गुलाम नबी आजाद को जम्मू कश्मीर में कितनी राजनीतिक सफलता मिलती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन धारा 370 के जो भी समर्थक वोटर होंगे वह गुलाम नबी आजाद की पार्टी से जरूर दूरी बनाएंगे.