रामसेतु से जुड़े एक केस में सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की एक मांग को ठुकरा दिया. उन्होंने मांग की थी कि अदालत कैबिनेट सेक्रेटरी को तलब करें, क्योंकि केंद्र सरकार हलफनामा दाखिल करने में नाकाम रही है.
यह हलफनामा सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका के सिलसिले में देना था जिसमें उन्होंने रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा देने की मांग की है. मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्वामी की मांग नकारते हुए केंद्र सरकार को फरवरी के पहले सप्ताह तक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है.
सुब्रमण्यम स्वामी ने 2007 में सेतु समुद्रम शिप चैनल प्रोजेक्ट के खिलाफ अपने प्ली में रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने का मुद्दा उठाया था. सेतु समुद्रम परियोजना के तहत मन्नार और पाक स्ट्रेट को जोड़ने वाला 83 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई थी. कहा गया कि इस परियोजना से रामसेतु पर असर पड़ेगा.
रामसेतु के बारे में रामायण में बताया गया है कि भगवान राम ने सीता को बचाने के लिए श्रीलंका जाने के लिए इस पुल का निर्माण किया था.