ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री होंगे. वह ब्रिटेन के पहले एशियाई मूल के प्रधानमंत्री होंगे. वह मंगलवार को प्रधानमंत्री पद संभाल सकते हैं. प्रधानमंत्री पद के नाम के ऐलान के बाद उन्होंने पार्टी के नेताओं के सामने अपना पहला भाषण दिया. उन्होंने कहा कि सांसदों के समर्थन से वह “विनम्र और सम्मानित” महसूस कर रहे थे. उन्होंने कहां, मैं जिस पार्टी से प्यार करता हूं उसकी सेवा करना और अपने देश को कुछ वापस दे पाना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है.. लेकिन खास क्या है?
ऋषि सुनक ने अपने भाषण में कहा, मैं वादा करता हूं की पूरी ईमानदारी और विनम्रता से सेवा करूंगा. दिन रात ब्रितानी लोगों के लिए काम करते रहने का भी उन्होंने वादा किया. आपको बता दें कि जिस वक्त वह ब्रिटेन की कमान संभाल रहे हैं उस वक्त ब्रिटेन कई चुनौतियों का एक साथ सामना कर रहा है. ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति काफी मुश्किल दौर से गुजर रही है. ब्रिटेन गरीब होता जा रहा है और देश की जनता से महसूस कर रही है.
ब्रिटेन में परिवार और कंपनियां खर्च पूरे करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और कई लोगों को लगता है कि जो वित्तीय मुश्किल वह इस वक्त झेल रहे हैं उसके लिए कंजरवेटिव पार्टी जिम्मेदार है. इस वक्त ऋषि सुनक के सामने कई चुनौतियां हैं. उनके पास सेवाओं पर खर्च करने के लिए कम पैसा होगा. इस वक्त नेशनल हेल्थ सर्विस गंभीर दबाव में है. इसी तरह बुजुर्गों और विकलांगों के लिए काम करने वाली सेवाएं भी दबाव में हैं.
ऋषि सुनक से उनकी पार्टी को और ब्रिटेन को काफी उम्मीदें हैं. देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में वह ब्रिटेन को मुश्किल भरे दौर से कैसे निकालते हैं. अपनी पत्नी के कर मामलों पर विवाद और लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगने से उनकी प्रतिष्ठा को पहले ठेस भी पहुंच चुकी है. ऋषि सुनक बोरिस जॉनसन केबिनेट छोड़ने वाले सबसे पहले कैबिनेट मंत्रियों में से एक थे.
इसके अलावा ब्रिटेन और उसके सहयोगी चीन से कैसे निपटे और ब्रेक्जिट के दौरान आयरलैंड की सीमा को लेकर यूरोपीय संघ के साथ विवाद का निपटारा अभी बाकी है. कागज पर अगर देखा जाए तो नए प्रधानमंत्री के पास इन समस्याओं का समाधान करने के लिए राजनीतिक काबिलियत होनी चाहिए. क्योंकि कंजरवेटिव पार्टी के पास संसद में विशाल और ऐतिहासिक बहुमत है.
लेकिन कंजरवेटिव पार्टी की अंदरूनी राजनीति और खींचतान की वजह से यह विशाल बहुमत भी काल्पनिक लगता है. अब ऋषि सुनक उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं यह देखना दिलचस्प होगा, सुनक के प्रधानमंत्री बनने के पीछे एक बड़ी वजह उनकी बैंकर की छवि भी है. क्योंकि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था इस समय खस्ता हाल है.
बोरिस जॉनसन की सरकार में वित्त मंत्री रहने के दौरान ऋषि सुनक इकोनामिक बेलआउट प्लान लेकर आए थे. इसे मिडिल क्लास में काफी पसंद किया गया था. लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ी थी. ब्रिटेन के लोगों को भी उनसे उम्मीदें हैं. ऋषि सुनक ने प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद पार्टी के सांसदों के साथ प्राइवेट मीटिंग की. इसमें मीडिया के एंट्री नहीं थी. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा है कि अब हमें हर मोर्चे पर एकजुट रहना होगा.