सोशल मीडिया पर कई दिनों से बागेश्वर धाम सरकार को लेकर कई बातें कही जा रही हैं. कथावाचक आचार्य धीरेंद्र शास्त्री (Dheerendra Shastri) पर सवाल उठ रहे हैं. उनको लेकर कहा जा रहा है कि वह देश में अंधविश्वास फैलाने का काम कर रहे हैं. उनके पास कोई सिद्धि नहीं है, बल्कि वह लोगों की भावनाओं के साथ खेल रहे हैं. उन पर यह सभी आरोप महाराष्ट्र की एक संस्था ने लगाया है.
इन दिनों धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कई सारे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है. वायरल हो रहे इन वीडियोस में दिखने वाले चमत्कार चर्चा का विषय बने हुए हैं. वीडियो को देखकर किसी को यह यकीन नहीं हो रहा है कि कोई किसी के बारे में इतना कैसे बता सकता है. हालांकि जिन बातों को बाबा पहले बता दे रहे हैं अब उन बातों को लेकर भी सवाल उठ खड़े हुए हैं. कुछ लोगों का कहना है कि वह फेसबुक प्रोफाइल चेक करके ऐसे दावे कर रहे हैं.
बागेश्वर धाम के महाराज कहे जाने वाले धीरेंद्र शास्त्री का जन्म मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में हुआ था. इनके पिता का नाम रामकृपाल गर्ग और माता का नाम सरोज है. उन्होंने 2009 में अपनी पहली भागवत कथा सुनाई थी, जिसके बाद धीरे-धीरे व आसपास के गांव में जाने लगे और लोग उनकी कथा सुनने लगे.
आपको बता दें कि बागेश्वर धाम सरकार मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है. यह बालाजी को समर्पित भगवान का मंदिर है. इस प्रसिद्ध मंदिर में बागेश्वर धाम महाराज के दर्शन के लिए देश के कोने कोने से भक्त आते हैं. बागेश्वर धाम महाराज के दरबार में सैकड़ों की संख्या में लोग आते हैं. उनके भक्तों के अनुसार पंडित धीरेंद्र शास्त्री अपने दरबार में किसी भी अनजान व्यक्ति को बुलाते हैं और जब तक वह उनके पास पहुंचता है उससे पहले ही वह उस व्यक्ति का नाम और उसका पता एक पर्ची पर लिख देते हैं.
उनके ऐसे ही कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए जिसके बाद वह सोशल मीडिया के जरिए काफी प्रसिद्ध हुए. लेकिन अब जिस तरह वह पर्ची पर सामने वालो का पूरा बायोडाटा लिख देते हैं उसको लेकर कुछ तार्किक सवाल होने लगे तभी से मामला गरमाया हुआ है.
कुछ लोग तो उनसे कई तरह के सवाल पूछ रहे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि अगर बाबा इतना ही कुछ जानते हैं तो पुलवामा अटैक जब हुआ था तो आरडीएक्स कहां से आया, यह उन्हें बताना चाहिए. ऐसे ही सवाल सोशल मीडिया पर उनसे पूछे जा रहे हैं.
पिछले दिनों एबीपी न्यूज़ के एक पत्रकार को लेकर उन्होंने कुछ दावे किए और पत्रकार द्वारा उनकी जय-जयकार की गई उन्हीं के लगाए हुए दरबार में. हालांकि जो कुछ भी बाबा ने बताया वह सब कुछ पत्रकार की फेसबुक प्रोफाइल पर पहले से मौजूद था, इसी के बाद से बाबा का विरोध कुछ लोग तेजी से करने लगे हैं और उनका कहना है कि बाबा अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्हें कुछ भी नहीं पता. इसी तरह से वह पहले से जानकारी जुटाकर लोगों के बारे में पहले से बता दे रहे हैं.