यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी (Srinivas BV) ने ईडी (ED) पर तंज किया है. उन्होंने गुजरात के मुंद्रा पोर्ट (Mundra Port) को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर भी हमला बोला है. उन्होंने एक ट्वीट करके लिखा है कि ईडी के पास सब का पता है, लेकिन मुंद्रा पोर्ट का पता नहीं है. आपको बता दें कि गुजरात का मुंद्रा पोर्ट इस वक्त कांग्रेस के निशाने पर है. क्योंकि पिछले कुछ वक्त में लगातार वहां ड्रक्स पकड़ी गई है.
मुंद्रा पोर्ट गुजरात के कक्ष में स्थित है, जहां पिछले साल बड़ी मात्रा में हेरोइन पकड़ी गई थी. 2 कंटेनरो में करीब 3 हजार किलो हेरोइन बरामद हुई थी, जिसकी कीमत 21 हजार करोड़ बताई गई थी. यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष (Srinivas BV) ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ईडी के पास सब का पता है लेकिन मुंद्रा पोर्ट का नहीं.
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने (Srinivas BV) सवाल करते हुए लिखा है कि, सरदार भी तुम्हारा, पोर्ट भी तुम्हारा. फिर ड्रग्स किसका? बीजेपी जवाब दो. आपको बता दें कि इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस के तमाम बड़े नेता हमलावर हैं. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से लेकर प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) तक गुजरात की मुंद्रा पोर्ट पर बरामद हुई हेरोइन को लेकर लगातार बीजेपी सरकार पर हमलावर है.
राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर बीजेपी पर हमला किया था. उन्होंने सवाल करते हुए पूछा कि एक ही मुंद्रा पर तीन बार ड्रग्स बरामद होने के बावजूद उसी मुंद्रा पर लगातार ड्रग्स कैसे उतर रही है? क्या गुजरात में कानून व्यवस्था पूरी तरीके से खत्म हो गई है? माफिया को कानून का कोई डर नहीं है? या यह माफिया की सरकार है?
बता दें कि गुजरात में कुछ वक्त बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं और तमाम पार्टियां इसको लेकर अभी से तैयारियों में जुटी हुई है. जहां बीजेपी एक तरफ गुजरात फिर जीतने के लिए जी जान लगाए हुए हैं. तो वही कांग्रेस के बड़े नेताओं का ध्यान भी अब गुजरात विधानसभा चुनाव पर लग चुका है. इसके अलावा आम आदमी पार्टी भी गुजरात चुनाव में इस बार अपनी किस्मत आजमाने वाली है.
इसके अलावा आपको बता देंगी पिछली बार के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को जबरदस्त टक्कर दी थी. एक वक्त तो ऐसा लग रहा था कि बीजेपी के गढ़ गुजरात मे कांग्रेस सरकार बना लेगी और बीजेपी को उखाड़ फेंकेगी. लेकिन नजदीकी मुकाबले में कांग्रेस गुजरात की सत्ता से दूर रह गई और एक बार फिर से बीजेपी ने सरकार बना ली थी. हालांकि इस बार भी मुकाबला एकतरफा नहीं है. देखना होगा कि क्या गुजरात की जनता एक बार फिर से बीजेपी पर भरोसा जताती है या फिर सत्ता परिवर्तन होता है.