बीजेपी ने बहुत ही अहम संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति की घोषणा की है. इसमें नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को बाहर कर दिया गया है. पार्टी का यह फैसला निश्चित रूप से हैरान करने वाला है, क्योंकि नितिन गडकरी बड़े कद के नेता है. गडकरी उन मंत्रियों में शुमार हैं जिनका मोदी सरकार के पिछले 8 सालों में ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है.
राजनीतिक गलियारों में कहा जाता है कि 2014 के बाद से बीजेपी और केंद्र सरकार में वही शख्स आगे बढ़ सकता है जो नरेंद्र मोदी और अमित शाह की गुड बुक में हो. लेकिन गडकरी जो कि खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं, उनका अपना भी एक बड़ा सियासी कद है. इसलिए वह मोदी शाह की जोड़ी के आगे डटकर खड़े रहे है. अभी तक गडकरी के बारे में कहा जाता है कि 2014 के बाद से ही उनकी सियासी उड़ान की रफ्तार धीमी हो गई है. लेकिन फिर भी उनके मंत्रालय का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार है.
बीजेपी ने 17 अगस्त को अपने संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का ऐलान किया. पार्टी ने संसदीय बोर्ड की सूची से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को बाहर किया है. वही समिति के चुनाव पर बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने एक ट्वीट में कहा है कि आज पार्टी में हर पद पर मोदी की मंजूरी से चुनाव होते हैं.
उन्होंने लिखा है कि जनता पार्टी और उसके बाद बीजेपी के शुरुआती दिनों में संगठन के पदों पर चुनाव के लिए संसदीय बोर्ड के चुनाव कराए जाते थे, यह पार्टी के संविधान की मांग है. लेकिन आज बीजेपी में कोई चुनाव नहीं होता. हर पद के लिए मोदी के अप्रूवल से सदस्यों को नामांकित किया जाता है.