यूक्रेन पर रूस के हमले ने दुनिया को संकट में डाल दिया है रूस के राष्ट्रपति पुतिन के सैन्य कदम के बाद कई लोग यह जानना चाह रहे हैं कि संघर्ष कैसे और क्यों शुरू हुआ. रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण क्यों किया? दरअसल पुतिन को 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद रूस की शक्ति और प्रभाव के नुकसान की गहरी शिकायत है.
यूक्रेन पहले सोवियत संघ का हिस्सा था, लेकिन 1991 में उसने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की थी. रूस की सीमा से लगे एक समृद्ध, आधुनिक, स्वतंत्र और लोकतांत्रिक यूरोपीय देश के अस्तित्व को रूस के निरंकुश शासन के लिए खतरा माना जाता रहा है. यदि यूक्रेन के नेता अन्य पश्चिमी लोकतंत्र की तर्ज पर अपने देश को पूरी तरीके से सुधारने में सफल रहे तो यह पूर्व सोवियत देशों के लिए एक बुरी मिसाल कायम करेगा और रूसी नागरिकों के लिए एक उदाहरण के रूप में काम करेगा, जो कि अधिक लोकतांत्रिक देश चाहते हैं.
पुतिन यह भी मानते हैं कि पश्चिमी लोकतंत्र कमजोर स्थिति में है और उसको लगा कि यह एक प्रमुख सैन्य अभियान शुरू करने का उपयुक्त समय है. मौजूदा युद्ध के बाद रूस के खिलाफ ना सिर्फ यूक्रेन में बल्कि रूस में भी भारी गुस्सा दिखाई दे रहा है. पुतिन का मानना है कि अगर यूक्रेन नाटो देशों मे शामिल होता है तो यह आने वाले वक्त में रूस के लिए खतरे की घंटी हो सकती है. तमाम तरह के कयास लगाने और बड़ी रणनीति तैयार करने के बाद पुतिन ने यूक्रेन पर हमला कर दिया.
क्या रूस को नुकसान नहीं होगा?
रूस के द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद यूरोपीय देशों और अमेरिका रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं. यूरोपीय यूनियन, संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी भागीदार देशों में रूस पर प्रतिबंध का ऐलान किया है. जिसमें स्विफ्ट इंटरनेट बैंकिंग सिस्टम से रूस के बैंकों को अलग कर दिया है.
क्या है स्विफ्ट इंटरनेट बैंकिंग?
स्विस बैंकों के द्वारा दो देशों के बीच के ट्रांजैक्शन को सुरक्षित और तेजी से पूरा करने के लिए बनाया गया है. इस बैंकिंग सर्विस के उपयोग से हर साल खरबो डॉलर का ट्रांजैक्शन होता है. इसकी स्थापना साल 1973 में की गई थी. बैंक आपस में फंड ट्रांसफर करने ग्राहकों के लिए फंड ट्रांसफर और आर्डर खरीदने और बेचने के बारे में स्टैंडराइस मैसेज भेजने के लिए स्विफ्ट सिस्टम का उपयोग करते हैं.
स्विफ्ट से निकाले जाने का अर्थ है कि रूसी बैंक इसका उपयोग व्यापारिक ट्रांजैक्शन के लिए विदेशी वित्तीय संस्थानों के साथ पेमेंट करने या रिसीव करने के लिए नहीं कर सकते हैं. आपको बता दें कि जब रूस ने क्रीमिया पर हमला करके क्रीमिया का विलय और रूस में किया था उस समय पश्चिमी देशों ने 2014 में रूस को स्विफ्ट से बाहर निकालने की धमकी दी थी. लेकिन यूक्रेन पर हमले के बाद निकाल दिया है.
इसके अलावा अगर रूस बातचीत का रास्ता अख्तियार नहीं करता है, (हालांकि जो खबरें आ रही है उसके मुताबिक रूस ने बातचीत का न्योता दिया है लेकिन अपनी शर्तों पर दिया है) तो यूं ही युद्ध चलता रहेगा और हो सकता है कि रूस के खिलाफ और यूक्रेन के समर्थन में कई देश युद्ध में कूदे. फ्रांस ने लंबे युद्ध की चेतावनी तक दी है और अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ से कहा गया है कि एकमात्र विकल्प तृतीय विश्व युद्ध हैं.
कुल मिलाकर देखा जाए तो अगर युद्ध जल्दी समाप्त नहीं होता है तो रूस बड़ी तबाही को निमंत्रण दे रहा है. यूक्रेन घुटने टेकने के लिए तैयार नहीं है. यूक्रेन के राष्ट्रपति लगातार वीडियो जारी करके यूक्रेन के युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, यूक्रेन के राष्ट्रपति खुद हथियार उठा चुके हैं, यूक्रेन के सांसद हथियार उठा चुके हैं. यूक्रेन के वह युवा जो विदेशों में रहते हैं, वह रूस के खिलाफ लड़ने के लिए अपने देश वापस आ रहे हैं.